झाड़ग्राम में बीमार हाथी: लोगों का गुस्सा, वन विभाग अनजान
झाड़ग्राम में बीमार हाथी: लोगों का गुस्सा, वन विभाग अनजानस्थानीय हाथी कई दिनों से बीमार है, लेकिन वन विभाग को इसकी जानकारी नहीं है। झाड़ग्राम जिले में हाथियों की अत्यधिक उपस्थिति से लोगों में गुस्सा है, क्योंकि यह उनकी जिंदगियों को खतरे में डाल रहा है।
सूत्रों के अनुसार:
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एक जंगली हाथी कई दिनों से साकल रॉयल ब्लॉक में है।
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हाथी बीमार है और कल रात हरी जंगल के घने जंगल से निकलकर साकरा पुलिस स्टेशन क्षेत्र में पहुंच गया। झाड़ग्राम में बीमार हाथी: लोगों का गुस्सा, वन विभाग अनजान
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हाथी साकरा बीट ऑफिस में घुस गया, सड़क पर पकड़ा गया, और शुक्रवार की सुबह लडगी बाजार में घुस गया। झाड़ग्राम में बीमार हाथी: लोगों का गुस्सा, वन विभाग अनजान
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लडगी बाजार में उसने एक चार पहिया वाहन और एक मोटरसाइकिल को कुचल दिया।
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हाथी कुलगी की बांस के बगीचे में रुक गया, जहां स्थानीय लोग उसे देखने के लिए इकट्ठे हो गए।
शुक्रवार दोपहर:
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साकल पंचायत समिति के कृषि अधिकारी माथुर महत हाथी को देखने पहुंचे।
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उन्होंने हाथी के स्वास्थ्य में बदलाव देखे और वन विभाग और प्रशासन से उसके इलाज का आयोजन करने की अपील की।
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श्री महत ने इस घटना के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया, यह कहते हुए कि हाथी गंभीर स्थिति में है और उसे खाने और पानी की कमी है।
यह घटना चिंताजनक है और वन विभाग को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम के जंगलों में हाथी
वनों के जानवरों का घर
पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम के जंगल कई प्रकार के वनों के जानवरों का घर हैं, जिनमें हाथी भी शामिल हैं। हाथी भूमि के सबसे बड़े जानवर हैं और जंगल परिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे बीज फैलाने, पेड़ों को गिराने और पानी के छिद्रों को बनाने में मदद करते हैं, जो अन्य पौधों और जानवरों के लिए आवास प्रदान करते हैं।
हाथियों की बढ़ती संख्या
झाड़ग्राम के जंगलों में हाथियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2018 में, राज्य में 1,600 हाथी थे, जो 2011 में 1,100 थे। हाथियों की बढ़ती संख्या से मानव-हाथी संघर्ष में वृद्धि हुई है। 2018 में, राज्य में हाथियों के हमले में 48 लोगों की मौत हो गई, जो 2011 में 25 थी।
मानव-हाथी संघर्ष के कारण
मानव-हाथी संघर्ष के कुछ प्रमुख कारण हैं:
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आबादी का बढ़ना: पश्चिम बंगाल की आबादी लगातार बढ़ रही है, जिससे हाथियों के लिए उपलब्ध आवास में कमी आ रही है।
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वनों की कटाई: राज्य में वनों की कटाई भी हाथियों के लिए उपलब्ध आवास में कमी का कारण बन रही है।
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कृषि: हाथी अक्सर फसलें खाने के लिए खेतों में आ जाते हैं, जिससे किसानों को नुकसान होता है।
मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए उठाए गए कदम
मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए कुछ कदम उठाए जा रहे हैं:
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हाथियों के लिए सुरक्षित आवास का निर्माण: राज्य सरकार हाथियों के लिए सुरक्षित आवास के निर्माण के लिए कदम उठा रही है।
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किसानों को नुकसान के लिए मुआवजा: राज्य सरकार हाथियों के हमले में होने वाले नुकसान के लिए किसानों को मुआवजा दे रही है।
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जागरूकता अभियान: राज्य सरकार मानव-हाथी संघर्ष के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान भी चला रही है।
एक जटिल समस्या
मानव-हाथी संघर्ष एक जटिल समस्या है, जिसका कोई आसान समाधान नहीं है। हालांकि, हाथियों के लिए सुरक्षित आवास का निर्माण, किसानों को नुकसान के लिए मुआवजा देना और जागरूकता अभियान चलाना जैसे कदम उठाकर इस समस्या को कम किया जा सकता है।