मेदिनीपुर लोकसभा तृणमूल प्रत्याशी जून मालि के कैंपेन में मेदिनीपुर नगरपालिका की पार्षद को देखते ही भड़के पार्टी कार्यकर्ता
मेदिनीपुर लोकसभा तृणमूल प्रत्याशी जून मालि के कैंपेन में मेदिनीपुर नगरपालिका की पार्षद को देखते ही भड़के पार्टी कार्यकर्ताओं मेदिनीपुर लोकसभा तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी जूल माल्या के कैंपेन से पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी एक बार फिर ने आई तृणमूल की गुटबाजी बुधवार दोपहर जून मालिया मेदनीपुर शहर के वार्ड नंबर 14 से चुनाव प्रचार की शुरुआत की पुराने शिव मंदिर में पूजा के साथ शुरू होता है
तभी पार्षद अर्पिता रॉय नाइक जो हाल ही में एक स्वतंत्र पार्टी से तृणमूल में शामिल हुई थी हुड खोलकर अपनी कार में बैठी अर्पिता को पार्टी में शामिल किए जाने से उस वार्ड के जमीनी कार्यकर्ताओं का एक समूह पहले से अर्पिता के खिलाफ गुस्से से उबल रहा था
जून मालि के कार में बैठने पर गुस्सा फूट पड़ा जब वह कार में बैठे तो उस वार्ड के तृणमूल नेताओं व कार्यकर्ताओं ने विरोध में आवाज उठाई विरोध के चलते अर्पिता नायक को कार से उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा जू ने हाल ही में वार्ड नेताओं से बिना चर्चा किए अर्पिता को टीम में शामिल कर लिया पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता कुछ भी स्वीकार नहीं कर सकते उनका देखने को मिल रहा है
सर्वभारतीय तृणमूल कांग्रेस (TMC), जिसका मतलब “ग्रासरूट्स कांग्रेस” होता है, एक भारतीय राजनीतिक पार्टी है। 1 जनवरी 1998 को ममता बनर्जी द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) से अलग होने के बाद इसकी स्थापना हुई थी। तब से, यह पश्चिम बंगाल की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बनकर उभरी है। पार्टी की नेता ममता बनर्जी वर्तमान में राज्य की मुख्यमंत्री भी हैं। मेदिनीपुर लोकसभा तृणमूल प्रत्याशी जून मालि के कैंपेन में मेदिनीपुर नगरपालिका की पार्षद को देखते ही भड़के पार्टी कार्यकर्ता
राष्ट्रीय स्तर पर भी TMC की उपस्थिति लगातार मजबूत होती गई है। 2009 के लोकसभा चुनावों में 19 सीटें जीतने के बाद, 2019 के चुनावों में यह चौथी सबसे बड़ी पार्टी बन गई, जिसकी लोकसभा में 22 सीटें थीं। मेदिनीपुर लोकसभा तृणमूल प्रत्याशी जून मालि के कैंपेन में मेदिनीपुर नगरपालिका की पार्षद को देखते ही भड़के पार्टी कार्यकर्ता
TMC के मूल सिद्धांतों में सामाजिक न्याय और गरीबों के कल्याण पर जोर देना शामिल है। पार्टी ने राज्य में कई लोकप्रिय कार्यक्रम लागू किए हैं, जिनमें गरीबी उन्मूलन योजनाएं, स्वास्थ्य पहल और महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम शामिल हैं। टीएमसी आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच भी मजबूत जनाधार रखती है।
हालांकि, पार्टी को भ्रष्टाचार के आरोपों का भी सामना करना पड़ा है। इसके अलावा, कुछ लोग मानते हैं कि पार्टी नेता ममता बनर्जी पर निर्भर करती है और उनका नेतृत्व एकछत्र है।
आगामी चुनावों में TMC के प्रदर्शन को लेकर काफी उत्सुकता बनी हुई है। यह देखना होगा कि क्या पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पैठ बना पाती है और ममता बनर्जी एक प्रमुख राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरती हैं या नहीं।
ममता बनर्जी: दीदी की कहानी
ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्षा हैं। उन्हें “दीदी” के नाम से भी जाना जाता है. आइए उनकी कहानी पर एक नज़र डालें:
शुरुआती जीवन और शिक्षा
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पांच जनवरी 1955 को कोलकाता (पहले कलकत्ता) में जन्मीं ममता बनर्जी एक मध्यमवर्गीय बंगाली ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखती हैं.मेदिनीपुर लोकसभा तृणमूल प्रत्याशी जून मालि के कैंपेन में मेदिनीपुर नगरपालिका की पार्षद को देखते ही भड़के पार्टी कार्यकर्ता
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केवल 17 साल की उम्र में ही उनके पिता का देहांत हो गया.
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शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने कठिनाइयों को पार किया और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की.
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युवावस्था से ही उनका राजनीति में रुझान था. मेदिनीपुर लोकसभा तृणमूल प्रत्याशी जून मालि के कैंपेन में मेदिनीपुर नगरपालिका की पार्षद को देखते ही भड़के पार्टी कार्यकर्ता
राजनीतिक सफर
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मात्र 15 वर्ष की उम्र में उन्होंने राजनीति में कदम रखा.
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कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा से जुड़कर उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की.
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वाम मोर्चा के शासन के दौरान वह लगातार उनका विरोध करती रहीं.
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सन 1999 में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पार्टी की स्थापना की.
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2011 में पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे के 34 साल के शासन को खत्म कर वह मुख्यमंत्री बनीं.
** प्रमुख कार्य**
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पश्चिम बंगाल में सामाजिक कल्याण योजनाओं को लागू करना उनकी सरकार की प्रमुख उपलब्धियों में से एक है.
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वह राज्य में औद्योगिक विकास पर भी जोर देती हैं.
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कई लोगों का मानना है कि उन्होंने केंद्र सरकार में मजबूत विपक्ष के रूप में भी काम किया है.
** विवाद**
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उनके कुछ फैसलों, जैसे सिंगूर में भूमि अधिग्रहण को लेकर विवाद भी हुआ है.
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विपक्षी पार्टियां उनकी सरकार में पारदर्शिता पर भी सवाल उठाती हैं.