व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
व्यापारी और योग गुरु रामदेव आज सुप्रीम कोर्ट में हाथ बांधकर माफ़ी मांगते रहे, लेकिन कोर्ट ने कड़े शब्दों में फटकार लगाते हुए कहा कि कोई माफ़ी नहीं मिलेगी। “अगर माफ़ी मांगनी थी तो आप पहले आते और अभी जो आप कर रहे हैं यह लिप सर्विस है,” कोर्ट ने टिप्पणी की। रामदेव, उनके सहसंस्थापक बालकृष्ण के साथ कोर्ट ने कई मुद्दों के लिए सख्त आलोचना की। आज के अदालती सुनवाई के दौरान कई मामले पर चर्चा हुई। अंततः, अदालत ने रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ एक तीखी धमकी दी।
दुनिया की तमाम ताकतें क्यों नहीं होतीं आपके साथ? पूरा सरकारी अमला, सरकारी तंत्र क्यों नहीं होता आपके साथ? और क्यों ना बड़े-बड़े मंत्री, केंद्रीय मंत्री, प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं, लेकिन आप कानून के दायरे से बड़े नहीं हो? आज, यह बात सुप्रीम कोर्ट ने बता दी, और साफ और कड़े शब्दों में रामदेव को ना सिर्फ़ फटकारा है, बल्कि यह कहा गया है कि उन्होंने झूठ बोला है, व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
उन्होंने अवमानना की है। यह सभी मतलबों में आज की पूरी अनादर है, इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने झूठी गवाही का पजरी शब्द उपयोग किया है। आप याद कीजिए कि यह वह समय था जब कोविड के दौरान बाबा रामदेव अपनी दवाई का प्रचार कर रहे थे,व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
और उन्होंने आरोप लगाया कि एलोपैथी की दवाई खाने से बहुत सारे लोग मर गए। यह एक झूठा दावा था, और उन्होंने अपनी दवाई से ठीक होने की बात की जो कोई भी रिसर्च से संबंधित नहीं थी। यह पहला मामला था जो सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया, और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि ये झूठा दावा कर रहे हैं। व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
आप इनका प्रचार रोकवा इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने तभी आदेश दिया था क्योंकि आपको यह प्रचार बंद करने के लिए कहा गया था, अन्यथा आपको एक करोड़ का जुर्माना भुगतना पड़ता। लेकिन तब रामदेव और पतंजलि ने इसे हल्के में नहीं लिया, उन्होंने सोचा कि यह साधारण बात है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर धीरे-धीरे और सख्ती से ध्यान दिया, व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
तो रामदेव की पक्ष से वकील बलबीर सिंह प्रस्तुत थे। उन्होंने कहा कि पहली सवाल जो कोर्ट ने पूछा, क्या उनके दोनों क्लाइंट प्राप्त हैं, और उन्होंने यह स्वीकार किया कि हां, वे प्राप्त हैं। उन्होंने कहा कि रामदेव की तस्वीर देखी जा सकती है, जिसमें वह हाथ बांधकर खड़े हैं। इससे उनकी ताकतवर छवि बनी है,
जिसमें वह योग गुरु हैं और बड़े कारोबारी हैं। लेकिन कोर्ट के समक्ष सभी लोग जो हैं, उन्हें बताया गया कि यदि उन्होंने गलती की है, तो कोर्ट उन्हें छोड़ेगा नहीं। यह केस से समझने योग्य है। फिर से सवाल किया गया कि क्या वे दोनों प्राप्त हैं, और उन्होंने हां कहा। वे दोनों खड़े हैं। कोर्ट ने पहले ही कह दिया था।
उन्होंने कहा कि हम हाथ जोड़ के माफी मांग रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप माफी मत मांगें, ये अगर आपको माफी मांगना था तो आप पहले आते, यह लिप सर्विस कर रहे हैं। आप इस तरीके की बात मत कीजिए कि हम माफी मांग रहे हैं। आपने जब इस तरीके के आरोप लगाए तो क्या इस पर कोई रिसर्च की थी? आप इस पर हमें कायदे से लिखित जवाब दें, और इसके अलावा, जो बात नोट की है, व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
कोर्ट ने कहा कि आपने पजरी की है। ‘पजरी’ एक वर्ड है जो सुप्रीम कोर्ट या कोर्ट की प्रोसीडिंग में यूज किया जाता है, जब किसी के द्वारा गलत साक्ष्य या गलत बात कही जाती है।
इसको लेकर भी कोर्ट ने कहा कि हम यह नोट करके रखे हैं, आप यह मत सोचिए कि हम इसे भूल जाएँगे। इस पे जो जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा, “नाउ वी विल टेक नोट ऑफ पजरी, मिस्टर बलबीर सिंह, बी प्रिपेयर्ड फॉर ऑल कंसीक्वेंसेस।” यानी कि आपने जो है
आपके क्लाइंट और आपकी टीम इसने पजरी की है। आप इसके परिणाम के लिए तैयार रहें। क्यों कहा कोर्ट ने जब कोर्ट ने पूछा कि आपने क्या डॉक्यूमेंट जमा कर दिए तो इनकी तरफ से कहा गया, “यस मतलब कि हमने डॉक्यूमेंट जमा कर दिए।” और उसको उस परे नोट करते हुए, कहा जस्टिस हिमा कोहली ने, “कि यू सेड डॉक्यूमेंट हैव बीन अटैच बट द डॉक्यूमेंट वर क्रिएटेडटेड ऑन।” व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
मतलब, आपने पहले कहा कि हमने दे दिया और आपने बाद में दिया। तो इसको भी एक सुप्रीम कोर्ट ने बात कर ली और फिर उसको एक उस तरीके का इशू बनाया गया कि आप इतने बड़े मंच प पहुंचकर के झूठ कैसे बोल सकते हैं। सवाल इस बात का है व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकारव्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार कि आप जब यहां पर आते हैं और यहां कैसे झूठ बोल सकते हैं। इसको लेकर के सुप्रीम कोर्ट काफी गुस्से में और तलक था।
बाबा रामदेव की पूर्ण जीवनी
स्वामी रामदेव, जिन्हें हम सब बाबा रामदेव के नाम से जानते हैं, उनका जन्म 1965 में हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के अलीपुर गांव में हुआ था। एक साधारण किसान परिवार में जन्मे रामदेव का बचपन आर्थिक तंगी में बीता। हालाँकि, यही वह दौर था जिसने उन्हें संघर्ष करना और अनुशासन का पाठ सीखाया। जहाँ एक ओर उनकी शिक्षा औपचारिक रूप से ज्यादा आगे न बढ़ सकी, वहीं दूसरी ओर योग के प्रति उनका रुझान बचपन से ही स्पष्ट था। व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
हिमालय की तपस्या और आयुर्वेद की शिक्षा
सन्यासी बनने की इच्छा से प्रेरित होकर, युवा रामदेव ने घर छोड़ दिया और आत्मिक ज्ञान की खोज में हिमालय की यात्रा पर निकल पड़े। वहां रहने वाले साधुओं और गुरुओं के सान्निध्य में उन्होंने कठोर तपस्या की। यहीं पर उनका योग के गहन अभ्यास और आयुर्वेद के प्राचीन ज्ञान से गहरा परिचय हुआ। आयुर्वेद के सिद्धांतों को समझने और उनका अपने जीवन में अनुप्रयोग करने से उन्हें न केवल आत्मिक शक्ति प्राप्त हुई, बल्कि यह उनके भविष्य के कार्यों की दिशा भी निर्धारित करने वाला था।
दिव्य योग मंदिर की स्थापना और योग का प्रचार-प्रसार
हिमालय से लौटने के बाद, बाबा रामदेव हरिद्वार पहुंचे और आचार्य बालकृष्ण से उनकी मुलाकात हुई। दोनों की दृष्टि और लक्ष्य एक थे – योग को जन-जन तक पहुंचाना। इसी उद्देश्य से उन्होंने मिलकर 1995 में दिव्य योग मंदिर की स्थापना की। बाबा रामदेव ने अपने सरल व्याख्यान, योगासन और प्राणायाम के सटीक प्रदर्शन के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य लाभ के बारे में जागरूक करना शुरू किया। उनके शिविरों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती गई। उन्होंने योग को केवल व्यायाम न मानकर, उसे समग्र जीवनशैली के रूप में प्रस्तुत किया, जिससे शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ रहना संभव है। व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
आस्था चैनल और राष्ट्रीय सफलता
2003 का साल बाबा रामदेव के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ लेकर आया। आस्था चैनल ने उनके योग कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण शुरू किया। इससे बाबा रामदेव को देशभर में पहचान मिली। उनके सुबह के कार्यक्रम लाखों लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गए। उन्होंने जटिल योग आसनों को सरल शब्दों में समझाया और लोगों को उन्हें घर पर ही अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया। बाबा रामदेव की ऊर्जा और उत्साह से भरपूर शैली ने उन्हें राष्ट्रीय योग गुरु के रूप में स्थापित कर दिया।
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की स्थापना और व्यावसायिक विस्तार
2006 में, बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की स्थापना की। इसका उद्देश्य आयुर्वेदिक दवाओं, खाद्य पदार्थों और उपभोक्ता वस्तुओं को लोगों तक पहुंचाना था। पतंजलि की शुरुआत आयुर्वेदिक उत्पादों से हुई, लेकिन समय के साथ इसने दैनिक उपयोग की वस्तुओं का भी निर्माण शुरू कर दिया। आज पतंजलि भारत की एक जानी-मानी कंपनी है। कंपनी के उत्पादों को स्वदेशी होने के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण और किफायती माना जाता है। हालांकि, पतंजलि के व्यापारिक तरीकों और दावों को लेकर भी कभी-कभी सवाल उठते रहे हैं।
पतंजलि: योग से एफएमसीजी तक का सफर
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, जिसे आमतौर पर पतंजलि के नाम से जाना जाता है, एक एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) कंपनी है जो बाबा रामदेव द्वारा स्थापित की गई थी। यह कंपनी आयुर्वेदिक दवाओं, खाद्य पदार्थों और घरेलू उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला बेचती है।
सालाना टर्नओवर:
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2022-23 में पतंजलि का सालाना टर्नओवर₹40,000 करोड़ से अधिक था।
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2021-22 में यह₹38,000 करोड़ और 2020-21 में ₹30,000 करोड़ था।
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कंपनी की आय का प्रमुख स्रोतआयुर्वेदिक दवाएं और खाद्य पदार्थ हैं।
व्यापार:
पतंजलि का व्यापार दो प्रमुख क्षेत्रों में विभाजित है:
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आयुर्वेदिक दवाएं:
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पतंजलि आयुर्वेदिक दवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला बेचती है, जिसमेंस्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवाएं, स्वास्थ्य पूरक और सौंदर्य उत्पाद शामिल हैं।
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खाद्य पदार्थ:
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पतंजलिआटा, चावल, नमकीन, नूडल्स, बिस्किट, साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट और डिटर्जेंट जैसे खाद्य पदार्थों और घरेलू उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला बेचती है।
संपत्ति:
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पतंजलि के पास भारत में कई जगहों पर संपत्ति है।
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कंपनी का मुख्यालयहरिद्वार, उत्तराखंड में है।
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इसके अलावा, कंपनी के पासउत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में विनिर्माण प्लांट हैं।
भविष्य की योजनाएँ:
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पतंजलि अपने व्यापार का विस्तार करने की योजना बना रही है।
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कंपनीविदेशी बाजार में प्रवेश करने की योजना बना रही है।
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इसके अलावा, कंपनी एफएमसीजी के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी प्रवेश करने की योजना बना रही है।
पतंजलि की सफलता के कारण:
पतंजलि की सफलता के कई कारण हैं:
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बाबा रामदेव की लोकप्रियता:
बाबा रामदेव एक लोकप्रिय योग गुरु हैं। उनकी लोकप्रियता ने पतंजलि के उत्पादों को बढ़ावा देने में मदद की है।
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आयुर्वेदिक उत्पादों की बढ़ती लोकप्रियता:
आयुर्वेदिक उत्पादों की लोकप्रियता बढ़ रही है। पतंजलि आयुर्वेदिक उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला बेचती है। व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
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सस्ती कीमत:
पतंजलि अपने उत्पादों को सस्ती
पतंजलि के सामने चुनौतियां:
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प्रतिस्पर्धा:
पतंजलि को एफएमसीजी बाजार में कई बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
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गुणवत्ता नियंत्रण:
पतंजलि के उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर कई चिंताएं हैं।
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ब्रांड छवि:
पतंजलि की ब्रांड छवि बाबा रामदेव से जुड़ी हुई है। यदि बाबा रामदेव की छवि खराब होती है तो यह पतंजलि को प्रभावित कर सकता है। व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
निष्कर्ष:
पतंजलि एक सफल एफएमसीजी कंपनी है। कंपनी ने कम समय में बहुत कुछ हासिल किया है।
आचार्य बालकृष्ण: योग, आयुर्वेद और स्वदेशी के प्रखर समर्थक
आचार्य बालकृष्ण जी का जन्म 4 अगस्त 1972 को हरिद्वार, उत्तराखंड में हुआ था। बचपन से ही वे योग और आयुर्वेद में रुचि रखते थे। 1991 में, उन्होंने योग गुरु स्वामी रामदेव के साथ मिलकर ‘पतंजलि योगपीठ’ की स्थापना की। व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
योग और आयुर्वेद का प्रचार:
आचार्य बालकृष्ण जी ने योग और आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने देश-विदेश में अनेक योग शिविरों का आयोजन किया और लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।
पतंजलि आयुर्वेद:
आचार्य बालकृष्ण जी ‘पतंजलि आयुर्वेद’ के प्रमुख हैं। उन्होंने आयुर्वेदिक औषधियों और जड़ी-बूटियों के ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया। पतंजलि आयुर्वेद आज भारत की सबसे बड़ी आयुर्वेदिक कंपनियों में से एक है।
स्वदेशी का समर्थन:
आचार्य बालकृष्ण जी स्वदेशी उत्पादों के प्रबल समर्थक हैं। उन्होंने लोगों को स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।
सम्मान और पुरस्कार:
आचार्य बालकृष्ण जी को उनके योगदान के लिए अनेक सम्मानों और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
निष्कर्ष:
आचार्य बालकृष्ण जी योग, आयुर्वेद और स्वदेशी के प्रखर समर्थक हैं। उन्होंने लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया और भारत को एक स्वदेशी राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनके जीवन से प्रेरणा:
आचार्य बालकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि कर्म और लगन से हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं। वे एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व हैं जिन्होंने लोगों को स्वस्थ जीवन जीने और भारत को एक स्वदेशी राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पतंजलि के उत्पाद: एक विस्तृत अवलोकन
पतंजलि आयुर्वेद भारत की एक प्रमुख आयुर्वेदिक कंपनी है, जो विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य, व्यक्तिगत देखभाल और खाद्य उत्पादों का निर्माण और बिक्री करती है। इसकी स्थापना 2006 में योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने की थी। पतंजलि के उत्पादों ने अपनी गुणवत्ता, प्राकृतिक सामग्री और सस्ती कीमतों के कारण भारतीय बाजार में तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
पतंजलि के उत्पादों की श्रेणियां:
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स्वास्थ्य उत्पाद: आयुर्वेदिक दवाएं, हर्बल सप्लीमेंट्स, स्वास्थ्य पेय, और अन्य स्वास्थ्य उत्पाद।
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व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद: साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, लोशन, क्रीम, और अन्य व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद।
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खाद्य उत्पाद: आटा, चावल, दालें, मसाले, तेल, नमकीन, और अन्य खाद्य उत्पाद। व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
पतंजलि के उत्पादों के कुछ लाभ:
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प्राकृतिक सामग्री: पतंजलि के अधिकांश उत्पाद प्राकृतिक सामग्री से बने होते हैं, जो उन्हें रासायनिक उत्पादों की तुलना में सुरक्षित और अधिक प्रभावी बनाते हैं।
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सस्ती कीमतें: पतंजलि के उत्पादों की कीमतें बाजार में उपलब्ध अन्य उत्पादों की तुलना में काफी कम हैं। व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
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गुणवत्ता: पतंजलि के उत्पादों को उच्च गुणवत्ता मानकों के अनुसार निर्मित किया जाता है।
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विविधता: पतंजलि विभिन्न प्रकार के उत्पादों की पेशकश करता है, जो विभिन्न प्रकार की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
पतंजलि के उत्पादों की कुछ कमियां:
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कुछ उत्पादों की प्रभावशीलता पर विवाद: कुछ लोगों का मानना है कि पतंजलि के कुछ उत्पादों की प्रभावशीलता वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं हुई है।
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उत्पादों की उपलब्धता: पतंजलि के सभी उत्पाद सभी स्थानों पर आसानी से उपलब्ध नहीं हैं।
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विज्ञापन: पतंजलि पर अपने उत्पादों के अत्यधिक विज्ञापन करने का आरोप लगाया गया है। व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
निष्कर्ष:
पतंजलि के उत्पादों ने भारतीय बाजार में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। वे प्राकृतिक सामग्री, सस्ती कीमतों और गुणवत्ता के कारण लोकप्रिय हैं। हालांकि, कुछ उत्पादों की प्रभावशीलता और उपलब्धता पर कुछ चिंताएं भी हैं। व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पतंजलि के उत्पाद किसी भी चिकित्सा स्थिति का इलाज नहीं करते हैं। यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, तो किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है। व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
पतंजलि के प्रोडक्ट: वैज्ञानिक जांच की सच्चाई
पतंजलि, बाबा रामदेव द्वारा स्थापित एक स्वदेशी FMCG कंपनी, अपने आयुर्वेदिक और हर्बल उत्पादों के लिए जानी जाती है. हालांकि, इनके उत्पादों की वैज्ञानिक जांच को लेकर कई सवाल उठाए जाते हैं.व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
पतंजलि के दावे:
पतंजलि अपने कई उत्पादों के लिए स्वास्थ्य संबंधी दावे करती है, जैसे कि रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाना, रोग का इलाज करना, और वजन कम करना.व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
वैज्ञानिक जांच:
पतंजलि के कई उत्पादों की वैज्ञानिक जांच नहीं हुई है. जिन उत्पादों की जांच हुई है, उनके परिणाम मिश्रित रहे हैं. कुछ अध्ययनों में इनमें कुछ फायदे दिखे हैं, जबकि अन्य में कोई फायदा नहीं दिखा है.व्यापारी और योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
उदाहरण:
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पतंजलि कोरोनिल किट: इस किट को कोविड-19 से बचाव के लिए प्रचारित किया गया था, लेकिन इसके दावों का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.
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पतंजलि दिव्य आंवला जूस: इस जूस को स्वास्थ्य के लिए कई फायदों का दावा किया गया है, लेकिन इनमें से अधिकांश दावों का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.
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पतंजलि दंत कांति: इस टूथपेस्ट को दांतों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बताया गया है, लेकिन इसके दावों का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.
चिंताएं:
पतंजलि के उत्पादों की वैज्ञानिक जांच की कमी कई चिंताएं पैदा करती है:
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क्या ये उत्पाद वास्तव में फायदेमंद हैं?
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क्या ये उत्पाद सुरक्षित हैं?
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क्या ये उत्पाद अपने दावों को पूरा करते हैं?
निष्कर्ष:
पतंजलि के उत्पाद खरीदने से पहले, उनकी वैज्ञानिक जांच के बारे में पता करना महत्वपूर्ण है. अगर आप किसी उत्पाद के बारे में अनिश्चित हैं, तो अपने डॉक्टर या किसी अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें.
यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
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पतंजलि के उत्पाद खरीदने से पहले उनके दावों की जांच करने के लिए वैज्ञानिक अध्ययनों को पढ़ें.
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अगर आपको किसी उत्पाद के बारे में कोई चिंता है, तो अपने डॉक्टर या किसी अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें.
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पतंजलि के उत्पादों की जगह ऐसे उत्पादों का उपयोग करें जिनकी वैज्ञानिक जांच हो चुकी है.