सांतरगाछी- शालीमार Section का वरिष्ठ अधिकारियों ने निरीक्षण किया
सांतरगाछी- शालीमार Section का वरिष्ठ अधिकारियों ने निरीक्षण किया
संत्रागाछी-शालीमार सेक्शन की निरीक्षण काफी महत्वपूर्ण होती है, जिसमें कर्मचारी रेलवे के सेनियर अधिकारी शामिल होते हैं ताकि रेलवे लाइन की सुरक्षा और बुनियादी ढांचा का मूल्यांकन किया जा सके। यह सेक्शन यात्रियों और माल की ऊंची मात्रा के साथ एक व्यस्त मार्ग है।
निरीक्षण का आरंभ संत्रागाछी के कोचिंग डिपो से हुआ। अधिकारी फिर स्टेशन पर चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की और मेकानाइज्ड लॉन्ड्री इकाई पर जाएं। बाद में, उन्होंने पद्मपुकुर पर कोचिंग डिपो और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग पैनल की जांच की। सांतरगाछी- शालीमार Section का वरिष्ठ अधिकारियों ने निरीक्षण किया
निरीक्षण शालीमार स्टेशन पर समाप्त हुआ, जहां अधिकारी अड्डा और यार्ड की जांच की। जीएम सीईआर ने शालीमार पर वंदे भारत रखरखाव डिपो के निर्माण के प्रस्तावित स्थल का भी दौरा किया। सांतरगाछी- शालीमार Section
मुख्य पहलुओं की जांच:
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रेलट्रैक: रेलट्रैक की स्थिति, रेल, स्लीपर और बैलास्ट समेत, किसी भी प्रकार के पिरोने या क्षति के किसी भी संकेत के लिए जांच की जाती है।
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सिग्नलिंग: ट्रेनों के सुरक्षित चलन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार सिग्नलिंग प्रणाली की जांच की जाती है ताकि यह सही तरीके से काम करे। सांतरगाछी- शालीमार Section का वरिष्ठ अधिकारियों ने निरीक्षण किया
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स्तरीय पार: स्तरीय पार, जहां सड़कें और रेलवे काटती हैं, वहां यात्रियों और वाहनों के लिए सुरक्षित होने की जांच की जाती है।
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स्टेशन: मार्ग पर स्थित स्टेशनों की जांच की जाती है ताकि सुनिश्चित हो सके कि वे साफ, अच्छे रूप से रखे गए हैं और यात्रियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं हैं।
यहां मुख्य पहलुओं की जांच की जाती है, जो संत्रागाछी-शालीमार सेक्शन की सुरक्षा और कार्यक्षमता को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
संत्रागाछी–शालीमार रेलवे लाइन का निरीक्षण:
महत्व:
यह निरीक्षण रेलवे लाइन की सुरक्षा और बुनियादी ढांचे का मूल्यांकन करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह खंड यात्रियों और माल की उच्च मात्रा के साथ एक व्यस्त मार्ग है।
मुख्य पहलू:
सांतरगाछी- शालीमार Section का वरिष्ठ अधिकारियों ने निरीक्षण किया
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रेलट्रैक:
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रेल की पटरियों की स्थिति, रेल, स्लीपर और बैलास्ट की जांच की जाती है।
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टूटे हुए स्लीपर, ढीले बोल्ट, या क्षतिग्रस्त रेलों की तलाश की जाती है।
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रेलवे ट्रैक की समतलता और संरेखण का भी निरीक्षण किया जाता है।
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सिग्नलिंग:
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ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए सिग्नलिंग प्रणाली की जांच की जाती है।
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सिग्नल लाइट, पॉइंट मशीन और अन्य सिग्नलिंग उपकरणों का निरीक्षण किया जाता है।
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यह सुनिश्चित किया जाता है कि सिग्नलिंग प्रणाली ठीक से काम कर रही है और ट्रेनों के बीच सुरक्षित दूरी बनाए रख रही है।
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स्तरीय पार:
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यात्रियों और वाहनों के लिए सुरक्षा की जांच की जाती है।
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फाटकों, क्रॉसिंग लाइटों और अन्य सुरक्षा उपकरणों का निरीक्षण किया जाता है।
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यह सुनिश्चित किया जाता है कि स्तरीय पार बंद होने पर ट्रेनें गुजरती हैं और जब ट्रेनें गुजर रही होती हैं तो स्तरीय पार बंद रहते हैं।
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स्टेशन:
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स्टेशन की सफाई, रखरखाव और यात्री सुविधाओं की जांच की जाती है।
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प्लेटफॉर्म, टिकट काउंटर, शौचालय, पेयजल सुविधाएं, और अन्य सुविधाओं का निरीक्षण किया जाता है।
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यह सुनिश्चित किया जाता है कि स्टेशन स्वच्छ, सुव्यवस्थित और यात्रियों के लिए सुविधाजनक हैं।
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हालिया निरीक्षण:
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तारीख:24 मार्च, 2024
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नेतृत्व:अनिल कुमार मिश्रा, दक्षिण पूर्वी रेलवे के महाप्रबंधक
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अन्य अधिकारी:के.आर. चौधरी, खड़गपुर के डीआरएम
निरीक्षण का विवरण:
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आरंभ:संत्रागाछी कोचिंग डिपो
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अधिकारियों ने कोचिंग डिपो में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की।
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उन्होंने मेकानाइज्ड लॉन्ड्री इकाई का दौरा किया और इसकी कार्यप्रणाली की जानकारी ली।
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पद्मपुकुर:
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अधिकारियों ने पद्मपुकुर में कोचिंग डिपो और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग पैनल का निरीक्षण किया।
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उन्होंने रेलकर्मियों से बातचीत की और उन्हें आवश्यक निर्देश दिए।
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समापन:शालीमार स्टेशन
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अधिकारियों ने शालीमार स्टेशन के यार्ड और अड्डा का निरीक्षण किया।
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उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव डिपो के निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थल का भी दौरा किया।
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